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Post by Seva Lamberdar Tue May 28, 2019 5:19 am

बबूल घुटनों के दर्द की रामबाण औषधि ,पूरी जानकारी के लिए फोटो पर किल्क करें

आज हम आपको बबूल की फली अर्थात उसके फल के बारे में बताएंगे। वैसे तो बबूल का हर भाग पत्तीयाँ, फूल, छाल और फली सभी औषधि है। यह कांटेदार पेड़ होता है। सम्पूर्ण भारत वर्ष में बबूल के लगाये हुए तथा जंगली पेड़ मिलते हैं। बबूल के पेड़ बड़े व घने होते हैं। ये कांटेदार होते हैं।,गर्मी के मौसम में इस पर पीले रंग के फूल गोलाकार गुच्छों में लगते है तथा सर्दी के मौसम में फलियां लगती हैं। इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है। बबूल के पेड़ पानी के निकट तथा काली मिट्टी में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इनमें सफेद कांटे होते हैं जिनकी लम्बाई 1 सेमी से 3 सेमी तक होती है। इसके कांटे जोड़े के रूप में होते हैं। इसके पत्ते आंवले के पत्ते की अपेक्षा अधिक छोटे और घने होते हैं।,,,बबूल के तने मोटे होते हैं और छाल खुरदरी होती है। इसके फूल गोल, पीले और कम सुगंध वाले होते हैं तथा फलियां सफेद रंग की 7-8 इंच लम्बी होती हैं। इसके बीज गोल धूसर वर्ण (धूल के रंग का) तथा इनकी आकृति चपटी होती है।,,विभिन्न भाषाओं में बबूल का नाम : संस्कृत में बबूल, बर्बर, दीर्घकंटका, हिन्दी में बबूर, बबूल,कीकर, बंगाली में बबूल गाछ, मराठी में माबुल बबूल,गुजराती में बाबूल, तेलगू में बबूर्रम, नक दुम्मा, नेला, तुम्मा, पंजाबी में बाबला, तमिल में कारुबेल। बबूल कफ (बलगम), कुष्ठ रोग (सफेद दाग), पेट के कीड़ों-मकोड़ों और शरीर में प्रविष्ट विष का नाश करता है।
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बबूल का गोंद यह गर्मी के मौसम में एकत्रित किया जाता है। इसके तने में कहीं पर भी काट देने पर जो सफेद रंग का पदार्थ निकलता है। उसे गोंद कहा जाता है।लेकिन आज हम आपको बबूल की फली, फूल, छाल आदि के फायदे बताएंगे। आइये जानते है इसके बारे में…,,बूल की फली के फायदे :,,घुटनों का दर्द और अस्थि भंग : बबूल के बीजों को पीसकर तीन दिन तक शहद के साथ लेने सेघुटनों के दर्द और अस्थि भंगदूर हो जाता है और हडि्डयां वज्र के समान मजबूत हो जाती हैं।घुटनों में चिकनाई आजाती है जिन्हें डॉक्टर ने घुटनों के रिप्लेसमेंट,की बोल दिया उनको भी यह ठीक करने का सामर्थ्य रखते है।,,,टूटी हड्डी जल्द जोड़ने के लिए : बबूल की फलियों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से टूटी हड्डी जल्द ही जुड़ जाती है। यह उपाय बहुत की प्रभावी और कारगर है।,,दांत का दर्द : बबूल की फली के छिलके और बादाम के छिलके की राख में नमक मिलाकर मंजन करने से दांत का दर्द दूर हो जाता है।,,पेशाब का अधिक मात्रा में आना : बबूल की कच्ची फली को छाया में सुखाकर उसे घी में तलकर पाउडर बना लें। इस पाउडर की 3-3 ग्राम मात्रा रोजाना सेवन करने से पेशाब का ज्यादा आना बंद होता है।,,शारीरिक शक्ति और कमज़ोरी मिटाएँ : बबूल की फलियों को छाया में सुखा लें और इसमें बराबर की मात्रा मे मिश्री मिलाकर पीस लेते हैं। इसे एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से पानी के साथ सेवन से करने से शारीरिक शक्ति में इज़ाफ़ा होता है और सभी कमज़ोरी वाले रोग दूर हो जाते हैं।
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रक्त बहने पर : बबूल की फलियां, आम के बौर, मोचरस के पेड़ की छाल और लसोढ़े के बीज को एकसाथ पीस लें और इस मिश्रण को दूध के साथ मिलाकर पीने से खून का बहना बंद हो जाता है।,,मर्दाना ताक़त : बबूल की कच्ची फलियों के रस में एक मीटर लंबे और एक मीटर चौडे़ कपड़े को भिगोकर सुखा लेते हैं। एक बार सूख जाने पर उसे दुबारा भिगोकर सुखा लेते है। इसी प्रकार इस प्रक्रिया को 14 बार करते हैं। इसके बाद उस कपड़े को 14 भागों में बांट लेते हैं, और रोजाना एक टुकड़े को 250 ग्राम दूध में उबालकर पीने से मर्दाना ताक़त बढ़ती है।,,अतिसार (दस्त) : बबूल की दो फलियां खाकर ऊपर से छाछ (मट्ठा) पीने से अतिसार में लाभ मिलता है।,,बबूल की छाल, पत्ती और फूल के फायदे :,,मुंह के रोग : बबूल की छाल को बारीक पीसकर पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।,,पीलिया : बबूल के फूलों को मिश्री के साथ मिलाकर बारीक पीसकर चूर्ण तैयार कर लें। फिर इस चूर्ण की 10 ग्राम की फंकी रोजाना दिन में देने से ही पीलिया रोग मिट जाता है।या बबूल के फूलों के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर 10 ग्राम रोजाना खाने से पीलिया रोग मिट जाता है।,,माता-बहनो के मासिक-धर्म संबन्धी विकार : 20 ग्राम बबूल की छाल को 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर बचे हुए 100 मिलीलीटर काढ़े को दिन में तीन बार पिलाने से भी मासिक-धर्म में अधिक खून का आना बंद हो जाता है। या लगभग 250 ग्राम बबूल की छाल को पीसकर 8 गुने पानी में पकाकर काढ़ा बना लेते हैं। जब यह काढ़ा आधा किलो की मात्रा में रह जाए तो इस काढ़े की योनि में पिचकारी देने से मासिक-धर्म जारी हो जाता है और उसका दर्द भी शान्त हो जाता है।
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आंखों से पानी बहना :बबूल के पत्ते को बारीक पीस लेते हैं। इसके बाद उसमें थोड़ा सा शहद मिला लें, फिर इसे काजल के समान आंखों पर लगाने से आंखों से पानी निकलना खत्म हो जाता है।,,कंठपेशियों का पक्षाघात : बबूल की छाल के काढ़े से रोजाना दो बार गरारा करने से गले की शिथिलता समाप्त हो जाती है।,,गले के रोग : बबूल के पत्ते और छाल एवं बड़ की छाल सभी को बराबर मात्रा में मिलाकर 1 गिलास पानी में भिगो देते हैं। इस प्रकार तैयार हिम से कुल्ले करने से गले के रोग मिट जाते हैं।,,अम्लपित्त या एसीडिटी : बबूल के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसमें 1 ग्राम आम का गोंद मिला देते हैं। इस काढ़े को शाम को बनाते हैं और सुबह पीते हैं। इस प्रकार से इस काढ़े को सात दिन तक लगातार पीने से अम्लपित्त का रोग मिट जाता है।
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Ref. (from a Facebook post): https://punjabidesher.in/%E0%A4%AC%E0%A4%AC%E0%A5%82%E0%A4%B2-%E0%A4%98%E0%A5%81%E0%A4%9F%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-3/?fbclid=IwAR2xI7Y7A6qdttnLTKGwOVdD1GQ9gJ2JiSICQyhXmRc0OXbUcI-lmGlnu14
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Post by Seva Lamberdar Tue May 28, 2019 7:56 am

The English translation of the above (for knee and bone healing, etc.)  in the following paragraphs (1-4) by using Google,  https://translate.google.com/#view=home&op=translate&sl=hi&tl=en

(1)  Today we will tell you about Acacia pod i.e. its fruit. By the way, every part of acacia, leaves, flowers, barks and pods are all medicines. This is a thorny tree, it is a prickly tree. Across trees and wild trees are found throughout the whole of India. Acacia trees are large and dense. They are thorny. In the summer season, yellow flowers on it are found in spherical clusters and in the winter season there are legumes. Its wood is very strong. Acacia trees are found near the water and in large quantities in black soil. They have white forks, which range from 1 cm to 3 cm. Its forks are in the form of pairs. Its leaves are much smaller and dense than the leaves of gooseberry., Acacia stems are thick and bark is rough. Its flowers are round, yellow and less flavored and the beans are 7-8 inches long in white. Its seeds are round gray characters (dusty) and their shape is flat. In different languages, the name of acacia: Babul, Barbar, Longkantka in Sanskrit, Babur, Kabul in Hindi, Babul Gachi in Bengali, Marathi Babul in Babul, Gujarati, Baburram in Telugu, Nak Dumma, Nela, Tumma, Babla in Punjabi, Karubel in Tamil Acacia catfalls (mucus), leprosy (white stains), stomach worms-insect and destroy the poison injected into the body.

(2)  Acacia gum is collected in the summer season. The white-colored substance that comes out after cutting it in anywhere in its stem. It is called gum. But today we will tell you the advantages of acacia pods, flowers, bark etc. Let us know about it ..., Benefits of Boll pods: Knee pain and bone fractures: Grind acacia seeds and take it with honey for three days, the pain and bone of the knees becomes brittle and the bones are like thunderbolt They are strong. There are lubricants in the knees, which the doctor has said of knee replacement, they also have the ability to do this. ,,, To add broken bone soon: Acacia beans Hole broken bone by taking a spoon morning and evening routine is added soon. This remedy is very effective and effective. Toothache: Mix acetic pea sesame seeds and salt in the ash of almond peel, causing the pain of the tooth is removed., Excessive amount of urine: Acacia Make the raw pods dry in the shade and fry them in ghee. Consumption of 3-3 grams of this powder ends daily in excess of urine. Remove physical strength and weakness: Dry the acacia beans in the shade and mix equal quantity of sugar in it with sugar candy. By consuming it with a spoon of water regularly in the morning and evening, it increases the physical strength and all the weaknesses are removed.

(3)  On bleeding: Acacia beans, gram of mango, bark of motchas tree and grated seeds together, and mixing this mixture with milk, stops the flow of blood by drinking, masculine strength: Acacia In the juice of raw beans, soak one meter long and one meter wide cloth and dry it. Once dry, soak it again and dry it. Similarly, this procedure is done 14 times. After that, divide that cloth into 14 parts, and by boiling it in 250 grams of milk a day increases the moral strength. Diarrhea (diarrhea): Drink two acacia legumes and drink butter with whey; Benefits of acacia bark, leaf and flower:; Mouth disease: Grind acacia bark finely and boil in water, rubbing of the mouth ulcers., Jaundice: Acacia flowers To meet with mishri Prepare the powder by grinding the gram thoroughly. Then, by giving 10 grams of this powder to the day in the day, jaundice is eradicated. Or add equal quantity of sugar in the powder of Acacia flowers and eat 10 grams daily, the jaundice is eradicated., Monthly of the mothers Drug related disorder: Boiling 20 grams of Acacia bark in 400 ml water, giving 100 ml decoction of leftover food saved three times a day also stops the release of more blood in the menstrual cycle. Or grind 250 grams of acacia bark and cook it in 8 times water and make a decoction. When this brew remains in half a kilo, it is possible to release menstruation in the vagina of the decoction and its pain becomes calm.

(4)  Watering the eyes: Grind acacia leaves fine. After that, add a little honey in it, then it ends with water eyesight by applying it on the eyes like mascara., Paralysis of angina: twice the daily requirement of acacia bark, reduce the sore throat Throat diseases: Babul leaves and bark and bark bark mix them in equal quantity and soak it in 1 glass of water. Thus, frozen frozen hay is eradicated from the throat diseases. Acid or acidity: Make a decoction of acacia leaves and add 1 gram of mango to it. Make this decoction in the evening and drink it in the morning. Thus, drinking this decoction consistently for seven days, the disease of acetic acid is eradicated.
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